मगन होके बहती है, जीवन की लहरी
by प्रवीण पाण्डेय
अरुण मन्त्र गाता, निशा गीत गाती,
सन्ध्या बिखेरे छटा लालिमा की ।
रहे खिलखिलाती वो, चुलबुल दुपहरी,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।१।।
हृदय में उमंगें उमड़तीं, मचलतीं,
जहाजों की पंछी बनी साथ चलतीं ।
कभी गुदगुदाती हैं यादें रुपहली,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।२।।
जीवन के सब पथ स्वयं नापने थे,
बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे ।
आशा की बूँदों की बरसात पहली,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।३।।
प्रश्नों का निर्वाण, अब उत्तरों का,
स्वच्छन्दता से भरे उत्सवों का ।
मचता है उत्पात, सोते हैं प्रहरी,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।४।।
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,
वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।
अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।५।।
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,
उतरती गगन–पथ, परी कल्पना की ।
सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।
पहले अर्चना चावजी का स्वर, फिर मेरा अनुसरण
http://www.divshare.com/flash/audio_embed?data=YTo2OntzOjU6ImFwaUlkIjtzOjE6IjQiO3M6NjoiZmlsZUlkIjtpOjE0MjM3ODMzO3M6NDoiY29kZSI7czoxMjoiMTQyMzc4MzMtNDAzIjtzOjY6InVzZXJJZCI7aToyMDA4MTgxO3M6MTI6ImV4dGVybmFsQ2FsbCI7aToxO3M6NDoidGltZSI7aToxMjk5MzgwNDgzO30=&autoplay=default
वाह जीवन की लहरी, अद्भुत
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।बहुत सुंदर ….विचारों की ताजगी लिए सकारात्मक रचना …..
'कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।'वाह प्रवीण जी ,कल्पना की परी ने जीवन की लहरी को पूरे उछाह से अपने में समा लिया . बड़ी प्रसन्न कविता है .बहुत अच्छा लगा .
"मगन होके बहती है, जीवन की लहरी " बहुत ही सुन्दर पंक्ति लिखी है आपने. यही एक अभिलाषा है कि जीवन मगन हो कर व्यतीत हो.
सुबह सवेरे उमंग उत्साह से लबरेज कविता और इतना सुन्दर चित्र , मन प्रसन्न हो गया !
अब तो गाना ही होगा…..अरूण मन्त्र…
जरा इसकी पॉडकास्ट भी करो, मन कर रहा है गुनगुनाते सुनने का….
यूं ही बहती रहे जीवन लहरी।सुबह खुशगवार हो गई।
प्रश्नों का निर्वाण, अब उत्तरों का,स्वच्छन्दता से भरे उत्सवों का ।मचता है उत्पात, सोते हैं प्रहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।• आपकी आवाज़ संघर्ष की जमीन से फूटती आवाज़ है। सपनों को देखने वाली आंखों की चमक और तपिश भी बनी हुई है। क्रूर और आततायी समय में आपके सच्चे मन की आवाज़ है यह कविता।चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।
.रहे खिलखिलाती वो, चुलबुल दुपहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी…सबसे पहले तो इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई। हर पंक्ति ने गुनगुनाने को मजबूर कर दिया । मज़ा आ गया ।चित्र बहुत ही सुन्दर है ।.
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।भावपूर्ण अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर ,बधाई
हमें तो मज़ा आ गया प्रवीण भाई ! खूबसूरत रचना के लिए बधाई
जीवन दर्शन के साथ सकारात्मक उर्जा वाली कविता ने सुबह सुबह जीवन लहरी को उत्प्रेरित किया . साधुवाद .
वाह कितनी सुन्दर कविता ….इठलाती मदमाती ये जीवन की लहरी !
वाह जीवन की लहरी,इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई ।
@सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है,जीवन की लहरी।माटी की गागरिया जैसे ही भाव दिखेसुंदर कविता के लिएआभार
रंग-बिरंगी फागुनी जीवन-लहरी.
हाँ इसमें कोई संदेह नहीं की जीवन की लहरी मगन होके ही बहती है……अपने मदमस्त लहर चाल से……आपका धन्यवाद और आभार मनमोहक तस्वीर के लिए…..और उत्साह से भरे शब्दों की माला के लिए….
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।५।।…… अद्भुद रचना…
प्रश्नों का निर्वाण, अब उत्तरों का,स्वच्छन्दता से भरे उत्सवों का ।मचता है उत्पात, सोते हैं प्रहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी बहुत सुंदर !
wah…waah…waaah…bahut hi khoobsurat kavita…badhai swikaren..sadhuwad.
क्या बात है आपके जीवन लहरी की बहुत सुंदर ।कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी.सरित प्रवाह बना रहे…
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।बहुत ही सुन्दर …।
जीवन की मौज से भरी कविता. आनंद आ गया पढ़ने में.
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरीवाह! बहुत सुन्दर कविता। यह प्रसन्नता बनी रहे।
सर ! सुन्दर और भावुक ..धन्यवाद.
जीवन की अनुभूतियों की सुंदर अभिव्यंजना , यों ही जीवन लहरियां चलती रहें
जीवन की लहरी… बहुत ही सुंदर लगी सतरंगी रंगो मे रंगी, धन्यवाद
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।५।।बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..शब्दों, भावों और लय का अप्रतिम संयोजन..बहुत सुन्दर
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।sach me jitne sundar aur tajgeee ki kushboo dete sabd hain, utnee hi khubsurat fulo ka khet bhi aapne laga diya…:)
lyrics full of all positivities….
आशा का संचार करती जीवन लहरी |
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना|धन्यवाद|
चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।मंथर चन्द्र, निडर यामिनी, चांदनी का वसन, अमावस की रातें…जीवन के विविध दृश्यों का जीवंत चित्रण…सुंदर गीत।
behtareen Post Pandey jee, chhaya yug kee yaad dila dee is kavita ne…….. saath hee aapke blog par follower ban gaya hoon……..
मन को प्रफ़ुल्लित कर गई यह रचना, बहुत शुभकामनाएं.रामराम.
वाह ये जीवन की लहरी…कितने रंगों से सजी…
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।आशा का संचार करती सुन्दर प्रस्तुति।
जीवन के सब पथ स्वयं नापने थे,बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे ।आशा की बूँदों की बरसात पहली,मगन होके बहती है, जीवन की लहरीकाव्य में जीवन दर्शन भाई आप तो कमाल का लिखते हैं उत्कृष्ट हिंदी शब्दों का का बहुत ही सुन्दर प्रयोग किया है हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं
amaavas ki raaten…….si sahi maayne me jeevan-lahari ko sambhalti hain! sundar bhaav!
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी मन उद्वेलित करती रचना …!!
मजा आ गया पढ़ने मे ..
बेहतरीन और सशक्त अभिव्यक्ति
क्या भाषा है, क्या रस है, क्या प्रवाह. सब उपमा कवि रहे जुठारी, केहिं पट तरों विदेह कुमारी.
अति सुन्दर, सुभाव व सुगेय रचना हेतु साधुवाद व बधाई ।
wah wah…kya baat hai…kya rachna hai…maan gaye ustad…
वाह! बहुत सुंदर रचना!
अरुण मन्त्र गाता, निशा गीत गाती,सन्ध्या बिखेरे छटा लालिमा की ।रहे खिलखिलाती वो, चुलबुल दुपहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।———–बहुत सुन्दर रचना!पढ़ने और गाने में आनन्द आया!
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।हर्ष प्रस्फुटित करती अनुपम रचना -उतनी ही आस्था से आपने गाया भी है -संगीत और लेखन में आपकी रूचि सदा बनी रहे यही शुभकामना है .
जीवन से संतुष्ट रहना विरलों को ही आता है उससे भी महत्व पूर्ण है अपने जीवन में खुश होकर जीना ! आपकी इस कविता में जीवन का मधुर रस को महसूस करने की मस्ती है जो कि दुर्लभ है !हार्दिक शुभकामनायें !!
सुंदर नवगीत।अर्चना जी को सुनने के बाद आपको सुनने में मजा नहीं आया।
बहुत मोहक कविता प्रस्तुती…पांचवां पद मुझे सबसे अच्छा लगा…
अद्भुत, मन प्रसन्न हो गया.
सकारात्मक विचारो से भरी हँसती खिलखिलाती सी कविता…आपकी आवाज में सुन कर आनंद आ गया,लेकिन शायद अर्चना जी की आवाज इस कविता को ज्यादा सूट होती है 🙂
जीवन के कई रण्ग दिखा गयी आपकी रचना । बेहद भावपूर्ण
itni sundar kavita ko padh kar bhala koi magan hue bina rah sakta hai.bahut hi bhauose bhari umango ko jagati aapki rachna ki har pankti behatar sebehtar hai.sabse achhi ye panktiyan lagin— चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरीbahut hiyasateek avam yatharth purn prastuti. bahut hi kabile tarrif poonam ।
वाह!!! पान्डे जी…क्याबात है….अति सुन्दर जीवन लहरी….
जीवन के सब पथ स्वयं नापने थे,बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे ।आशा की बूँदों की बरसात पहली,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी …इतना मनमोहक गीत है … मज़ा आ गया … आप गीत बहुत कमाल का लिखते हैं … कुछ ज्यादा ज्यादा लिखा करें …
वह गाता, पर किसी वेग सेफूल रहा इसका अंतर है।गीत, अगीत, कौन सुंदर है? [दिनकर]
@ Vivek Rastogiबहुत धन्यवाद आपका।@ डॉ॰ मोनिका शर्माउत्साह और आनन्द की रचना मुझे भी बहुत भाती है।@ प्रतिभा सक्सेनाकल्पना की परी जब उत्साह से आये तो ऐसी कविता बह निकलती है।@ Poojaइसी उमंग में जीवन बीत जाये।@ वाणी गीतजब जीवन सुबह से सायं तक उत्साहित रहता है, ऐसी कविता बह निकलती है।
@ Archana आपकी धुन पर देखिये गा दिया।@ Udan Tashtariआपकी बात रख ली, गा दिया।@ संजय @ मो सम कौन ?यही आस है कि उत्साह का क्रम बना रहे।@ मनोज कुमारमन की स्थिति दिखाने का प्रयत्न रहता है बस, मन में उत्साह उठा तो व्यक्त कर दिया।@ ZEALकाश, आप यह गुनगुनाती रहें और पूर्ण उत्साह में रहें।
@ Sunil Kumarबहुत धन्यवाद आपका।@ सतीश सक्सेनाउत्साह के परिवेश में लिखी रचना का प्रभाव जो चाहा था, प्राप्त हो गया।@ ashishजीवन बाधाओं से परे जब दौड़ने लगती है तो उत्साह छा जाता है।@ Arvind Mishraरहे खिलखिलाती वह चुलबुल दुपहरी..@ OM KASHYAP बही चले इसी मगन में।
@ ललित शर्माइसी आस में कल्पना की परी बनी रहे मन में।@ Rahul Singhरंगों के उत्साह से भरी, जीवन की लहरी।@ honesty project democracyछोटी छोटी बाधाओं को इसी उत्साह से जीत लिया जाये।@ पद्म सिंहबहुत धन्यवाद आपका।@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"बहुत धन्यवाद आपका।
@ योगेन्द्र मौदगिलआपने आशीर्वाद दे दिया, लिखना सफल हो गया।@ Mrs. Asha Joglekarजब जीवन प्रवाहमय होता है तो संभवतः यही भाव निकलते हैं।@ सुशील बाकलीवालसरित प्रवाह यथावत रखने का प्रयास रहेगा।@ सदाबहुत धन्यवाद आपका।@ सोमेश सक्सेनाजब जीवन में यह मौज आती है, समय भागने लगता है।
@ Avinash Chandraजीवन का उत्साह उठता है तो प्रसन्नता भी उछाह में आ जाती है।@ G.N.SHAWबहुत धन्यवाद आपका।@ गिरधारी खंकरियालआशायें यही हैं कि लहरियों में जल उछाह लेता रहेगा।@ राज भाटिय़ाबहुत धन्यवाद आपका।@ Kailash C Sharmaगाने का प्रयास भी किया है, ठीक आया है।
@ Mukesh Kumar Sinhaउत्साह की महक सब महकों को और भी महका देती है।@ amit-niveditaयह सकारात्मकता सबके जीवन में बनी रहे।@ नरेश सिह राठौड़आशाओं का सकारात्मक संचार बना रहे सबके जीवन में।@ Patali-The-Villageबहुत धन्यवाद आपका।@ mahendra vermaप्रकृति के विभिन्न दृश्य जीवन की परिस्थितियों में सटीक बैठते हैं।
@ सुबीर रावतयह मन की छाया प्रक्षेपित हो गयी कविता में।@ ताऊ रामपुरियाआपका मन प्रफुल्लित रहे, हम लिखते रहेंगे।@ POOJA…जीवन में उत्साह के हर रंग से सजी है यह मन की अभिव्यक्ति।@ वन्दनाआशाओं की तंरग उठती रहें, सतत, यूँ ही।@ क्रिएटिव मंच-Creative Manchमन स्थिति को व्यक्त किया है, कभी कभी मन स्थिति में दर्शन के दर्शन हो जाते हैं।
@ संतोष त्रिवेदीअमावस की रातों के बाद ही जीवन का उजियारा दिखता है।@ हरकीरत ' हीर'मन के उत्साह से निकली कविता मन उद्वेलित करे, यही कामना है।@ भारतीय नागरिक – Indian Citizenआपका आनन्द बना रहे।@ nivedita बहुत धन्यवाद आपका।@ संतोष पाण्डेयइतना न चढ़ायें, यद्यपि प्रयास रहेगा यही स्तर बनाये रखने का।
@ देवेन्द्रआपने गाने हेतु चाहा, तो गा दिया।@ Gopal Mishraऐसा ही स्नेह बनाये रखें।@ Smart Indian – स्मार्ट इंडियनबहुत धन्यवाद आपका।@ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)अर्चना चावजी की आज्ञा मानकर हमने गा भी दिया है।@ anupama's sukrity !गायन में रुचि है, प्रयास भी किया है, भगवान करे कि यह प्रवाह बना रहे। लेखन का स्तर भी बढ़ाने का सतत प्रयास रहेगा।
@ सतीश सक्सेनाउत्साहजनित प्रसन्नता को अनुभव करना और व्यक्त कर उसे बनाये रखने का क्रम बना रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है।@ देवेन्द्र पाण्डेयमैंने केवल अनुसरण किया है, अर्चनाजी का स्वर निश्चय ही सुमधुर है।@ Rajesh Kumar 'Nachiketa'मुझे भी बड़ा मोह है पाँचवें पद से।@ रचना दीक्षितआपकी प्रसन्नता बनी रहे।@ शुभम जैनअर्चनाजी की वाणी में कविता वाला उत्साह है, मेरे स्वर में गाम्भीर्य आ गया है।
@ "पलाश"उत्साह के रंग सतरंगी हैं।@ JHAROKHAआपका यह उत्साहवर्धन भविष्य में और अच्छा लिखने को प्रेरित करेगा। बहुत धन्यवाद आपका।@ Dr. shyam guptaबहुत धन्यवाद आपका।@ दिगम्बर नासवामन बहुत करता है अधिक कविता लिखने का और प्रयास भी करूँगा लिखने का। बहुत धन्यवाद आपका।@ cmpershadमन के प्रवाह जैसे भी निकलें, यथावत, वही सुन्दर है।
जीवन के सब पथ स्वयं नापने थे,बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे ।आशा की बूँदों की बरसात पहली,मगन होके बहती है, जीवन की लहरीभावपूर्ण अभिव्यक्ति ,बधाई
मगन होके बहती है, जीवन की लहरीहम भी मगन हो लिए आपकी रचना के साथ.
…svar me aur bhi sundar
"चले चन्द्र मंथर, निडर यामिनी है,वसन बन के फैली, प्रखर चाँदनी है ।अमावस की रातें, जो सहना था, सह लीं,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।"जीवन के प्रति सकारात्मक विचार को दर्शाती हुई कविता…सुन्दर शब्द,अच्छी प्रस्तुति…..!!
अरुण के मंत्र और निशा के गीत हों, तो जीवन की लहरी का मगन होके बहना स्वयंसिद्ध है.बधाई,बंधु.
आप का समग्र व्यक्तित्व मुझे बेहद प्रभावित करता है। आपसे पहला परिचय ज्ञान्दुत्त पण्डे जी के ब्लॉग से हुआ था। आपकी कविता\ गीत बहुत सुन्दर है। अर्चना जी ने बहुत सुन्दरता से गाया है । सुनके विद्यालय के दिन याद आ गए जब सस्वर कविता पाठ हुआ करता था- अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता में। ऐसी ही धुन पर एक कविता गयी जाती थी – "समय कि शिला पर मधुर चित्र कितने किसी ने बनाये किसी ने मिटाए। किसी ने लिखी आंसुओं से कहानी किसी ने पढ़ा किन्तु दो बूँद पानी।"रचनाकार का नाम याद नहीं आ रहा।आपकी kavita से ऐसा लगता है कि आपने भी अपने हिस्से का संघर्ष जिया और किया है , मगर उसकी कडुआहटआपके व्यक्तित्व और रचना में नहीं दीखता है। धन्यवाद.
जीवन के सब पथ स्वयं नापने थे,बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे ।आशा की बूँदों की बरसात पहली,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।३।….बहुत सुंदर गीत. आशा और हर्ष की लहरी. शुभकामना
बहुत ही ताज़गी लिए रचना…
अच्छे गीत को जब मिले,सुर ,सरगम और साज,शब्द, भाव में गूँथ दें ,एक नया अंदाज़ !अर्चना जी का सुन्दर गीत उनकी सुमधुर आवाज़ में सुनवाने के लिए धन्यवाद !धुन की गरिमा का पूर्ण निर्वाह करती आपकी आवाज़ सुनकर लग रहा है कि आपने निश्चय ही संगीत की शिक्षा ली है !आभार !
"अरुण मन्त्र गाता, निशा गीत गाती,सन्ध्या बिखेरे छटा लालिमा की ।रहे खिलखिलाती वो, चुलबुल दुपहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी "मगन कर दिया,मस्त कर दिया ,अब क्या कहें प्रवीण जी,आपने तो पस्त कर दिया .
मगन होके बहती है, जीवन की लहरी….बहुत खूबसूरत रचना है प्रवीन जी … धन्यवाद हम तक पहुँचने के लिए …
@ कुश्वंश बहुत धन्यवाद आपका।@ Manoj Kआप मगन रहें, आनन्दित रहें, ईश्वर से प्रार्थना है।@ पारुल "पुखराज"स्वर का बस प्रयास ही किया है, बस यही लगा कि कहीं मेरे स्वर में भाव भटक न जायें।@ ***Punam*** जीवन की सकारात्मकता से ही उत्पन्न होता है यह उत्साह।@ ऋषभ Rishabha पर कभी कभी दुपहरी का खिलखिलाना भी आवश्यक है।
@ rakesh raviबिना पीड़ा की गहराई झेले उत्साह का हल्कापन अनुभव भी नहीं किया जा सकता है। यूँ ही शब्द आलोड़ित रहें, ईश्वर से प्रार्थना है। @ मेरे भावबहुत धन्यवाद आपका।@ rashmi ravijaउत्साह में सदा ही नयापन आता है।@ ज्ञानचंद मर्मज्ञसंगीत की कोई शिक्षा नहीं ली है, बस सुन सुन कर सीखा है।@ Rakesh Kumarमगन रहें, आनन्दित रहें,मधुर स्वरों से प्लावित रहें।
@ क्षितिजा ….काश इस प्रवाह में सब आनन्दित हों।
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।bahut sunder!
ऑडियो फ़ाइल नहीं प्ले हो रहा मेरे लैपटॉप पे…खैर सुबह देखूंगा…फ़िलहाल तो इतनी जबरदस्त कविता आप कैसे लिख लेते हैं हिंदी में 🙂
@ Anjana (Gudia)बहुत धन्यवाद आपका।@ abhi मन बह जाता है, कविता बन जाती है।
बात रख लेना का कोटि कोटि आभार….गजब भाई गजब!! आनन्द आ गया..
बहुत दिनों के बाद इधर का रुख किया है…आने पर बहुत ही सुन्दर कविता पढने को मिली…धन्यवाद… :))
bahut sundar geet
अभी फिर से आया, कविता सुनने…सुबह बन गयी सर 🙂
बेहतरीन रचना …..जीवन कि लहरी ….. बहुत खूब
@ Udan Tashtariआपकी बात तो रख ली पर सुर नहीं रख पाया।@ shekhar sumanबहुत धन्यवाद आपके आगमन का।@ Khare Aबहुत धन्यवाद आपका।@ abhi काश ऐसै ही उमंग में आपका जीवन कटे।@ Coral जीवन की लहरी यूँ ही बहती रहे।
bouth aacha post hai aapkaVisit My Blog PLz..Download Free MusicLyrics Mantra
बँधे हाथ, नियमों के शासन घने थे प्रश्नों का निर्वाण, अब उत्तरों का,मचता है उत्पात, सोते हैं प्रहरीवाह क्या कहन है प्रवीण भाई, आप को बहुत बहुत बधाई
छन्द को निर्वासित करने में जुटे इस समय में आपकी यह रचना निराशा के कुहासे को चीरती है, भरोसा दिलाती है।शुक्रिया।
@ Manpreet Kaurबहुत धन्यवाद आपका।@ Navin C. Chaturvedi बहुत धन्यवाद आपका, यूँ ही जीवन लहरी बहती रहे।@ विष्णु बैरागी उत्साह में उमंग की लय,कविता में छंद की लय।
प्रश्नों का निर्वाण, अब उत्तरों का,स्वच्छन्दता से भरे उत्सवों का ।मचता है उत्पात, सोते हैं प्रहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।… बहुत सुन्दर गीत.
अमावस की रातों के बाद ही जीवन का उजियारा दिखता है।प्रवीण जी, अभी हाल ही में ऐसा अनुभव किया. बस जीवन संघर्ष का आनंद ले रहा हूँ.
कभी मुस्कराती, कभी गुनगुनाती,उतरती गगन-पथ, परी कल्पना की ।सुखद आस बनकर विचारों में ठहरी,मगन होके बहती है, जीवन की लहरी ।।६।।adbhut rachna ,aanand ki anubhati hui .
@ सुलभजितनी गहरी अमावस आती है जीवन में, चाँदनी की प्रखरता उतनी ही स्पष्ट दिखती है। बहुत धन्यवाद आपका।@ ज्योति सिंह आपका आनन्द यूँ ही प्रफुल्लित बना रहे।
प्रिय बंधुवर प्रवीण पाण्डेय जी सादर सस्नेहाभिवादन ! अरुण मन्त्र गाता, निशा गीत गाती,सन्ध्या बिखेरे छटा लालिमा की सुंदर , श्लील शब्दावली ! अनुपम अद्वितीय भाव ! बहुत सुंदर गीत है … हार्दिक बधाई ! मंगलकामनाएं !!♥होली की अग्रिम शुभकामनाएं !!!♥ – राजेन्द्र स्वर्णकार
@ Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार बहुत धन्यवाद आपका, इस उत्साहवर्धन के लिये।
बढ़िया गीत
@ नीरज बसलियालबहुत धन्यवाद आपका।
जीवन के प्रति सकारात्मक विचार को दर्शाती हुई अच्छी प्रस्तुति
@ संजय भास्कर यही सकारात्मकता हमारी ऊर्जा को बढ़ा जाती है।
हम भी मगन हो गए आपकी काव्य लहरी में.
@ shikha varshneyबहुत बहुत धन्यवाद आपका।